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'''{{KKGlobal}}{{KKLokRachna|रचनाकार=अज्ञात}}{{KKLokGeetBhaashaSoochi|भाषा=अवधी}}{{KKCatAwadhiRachna}}<poem>सेरों पे होके सवार महरानी<br> मेरे घरवा आइन महरानी<br> निबिया के तरे तरे आयीं महरानी<br>अब निबिया झपसन लाग महरानी <br>अमवा के तरे तरे आइन महरानी<br> अब अमवा बौरन लाग महरानी<br> तलवा के तीरे तीरे आयीं महरानी<br>अब तलवा लहरान लाग महरानी<br> महलों के तरे तरे आयीं महरानी<br> अब रानिय गर्भन लाग महरानी<br/poem>'''-०-
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