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दक्षिन के चीरबहत पवनवा माई हे, घन-पहिर ले ले गोरियपुरबइयाकि आहे हाँ रे, लामी केस पँकर झाँपा रेसा।हियरा रे भरिया, अब धन अगू नारे बतास।।१।।लेहल हाँ रे, झिन-झिन महुआ माई हे, बाँस के डलरिवारे चँगेलियाकि आहे, गोरी बिहँसत आवे रे।।१।।पीसने चलेले आजु नया कामिन, आजु नया कामिन।।२।।हाँ रे, डगर बुलिय-बुलि माई हे, हाँक मारे पारे गोरिया, कहाँ जे बारे मानुष जोड़ि जँतवा।।केहि घर कि कवन घरे बारे मानुष जोड़ी जँतवामाई हे, तनिक हम पीसब रे।।२।।जँतवा हलावल रे।।३।।ऊँचीत कुरिबवा के हाँ रे, अंचित कुरियवा माई हे, नीची त दुअरिया, आहे, ताहि घरे बारे मनुखजोड़ी माई हे, जँतवाहलावल।।४।।हाँ रे, तनिक पीसहु रे।।३।।एक-एक जँतवा माई हे, दुइ त जे गोरियातर कइले जुअवा से ऊपरी मकरियाआहे हाँ रे,दुई त जे बइठल जाँघ जोड़ी।।५।।उलटि के हाँ रे, झींक लेहु, झींक लेहु मानीख जँतवा हलावे जँतसरियाकि आहे, देवरा रे भुखइले, तनिक भला पिसहु रे।।४।।भइया अइले पाहुन रे की।।६।।
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