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बहत पवनवा माई हे, घन-पुरबइया / भोजपुरी

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बहत पवनवा माई हे, घन-पुरबइया
कि आहे हाँ रे, हियरा रे भरिया, अब धन अगू नारे बतास।।१।।
हाँ रे, झिन-झिन महुआ माई हे, बाँस के रे चँगेलिया
कि आहे, पीसने चलेले आजु नया कामिन, आजु नया कामिन।।२।।
हाँ रे, डगर बुलिय माई हे, हाँक पारे गोरिया
कि कवन घरे बारे माई हे, जँतवा हलावल रे।।३।।
हाँ रे, अंचित कुरियवा माई हे, नीची त दुअरिया
आहे, ताहि घरे बारे माई हे, जँतवा हलावल।।४।।
हाँ रे, एक-एक जँतवा माई हे, दुइ त जे गोरिया
आहे हाँ रे, दुई त जे बइठल जाँघ जोड़ी।।५।।
हाँ रे, झींक लेहु, झींक लेहु मानीख जँतवा
कि आहे, देवरा रे भुखइले, भइया अइले पाहुन रे की।।६।।