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राते बरस गओ पानी / बुन्देली

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<poem>
राते बरस गओ पानी
काय राजा तुमने ना जानी।

अंटा जो भीजे अटारी भींजी,
भींजी है धुतिया पुरानी (काय राजा---)

बाग जो भींजे बगीचा भींजे
माँलिन फिरे उतरानी (काय राजा---)

कुंआ है भर गओ, तला है भर गओ
कहारिन फिरे बौरानी (काय राजा---)

गैयां भीजी बछिया भींजीं
नदियन बढ़ गओ पानी (काय राजा-- )
</poem>
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