भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जीवन से / केदारनाथ अग्रवाल

16 bytes added, 05:32, 1 अप्रैल 2014
|रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
ऎसे ऐसे आओ
जैसे गिरि के श्रृंग शीश पर
रंग रूप का क्रीट लगाये
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,132
edits