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08:53, 22 अप्रैल 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=विपिन चौधरी
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<poem>
हलकी नीली लहरों पर सवार खाली
नाव को दूर जाते हुए देख
मुझे अपनी उदासी बेतरह याद आने लगी
दूर चली जाने वाली चीजों से उदासी यूँ न गुंथी होती
तो जीवन हरा होते-होते यूँ न रह जाता
</poem>
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