भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को || मोहि ...
ज्ञान के निधान गुनी, गुनवान बिरबली |
किये काज रामजी के आपके सामान समान को || मोहि...
एक हांक मारके जलाई लंक रावन की |
कछु अभिमान नहीं काम ना गुमान को || मोहि...
514
edits