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Kavita Kosh से
मोहि तो भरोसो है, भरोसो हनुमान को || मोहि ...
ज्ञान के निधान गुनी, गुनवान बिरबली |
किये काज रामजी के आपके सामान समान को || मोहि...
एक हांक मारके जलाई लंक रावन की |
कछु अभिमान नहीं काम ना गुमान को || मोहि...