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17:23, 29 जून 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव
|अनुवादक=
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<poem>
सिर पर भारी बस्ता लादे,
कौवा जी पहुँचे स्कूल
लेकिन जल्दी जल्दी में वे,
रबर पेंसिल आए भूल|
टीचर जी कौवा से बोले,
वापिस घर को जाओ|
रबर पेंसिल लेकर ही तुम,
फिर शाला को आओ|
</poem>