859 bytes added,
11:33, 24 अगस्त 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार
|अनुवादक=
|संग्रह=पद-रत्नाकर / हनुमानप्रसाद पोद्दार
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
(राग तोड़ी-ताल कहरवा)
दुःख-मृत्यु में देखूँ मैं नित बहती सुखद सुधा-धारा।
अति दारिद्र्य-दैन्यमें पाऊँ मैं तव कर-स्पर्श प्यारा॥
पीड़ा-व्यथा भयानकमें दीखे मुझको तव मंगल-दान।
रूक्ष-परुष वाणीमें मैं सुन पाऊँ मधु मुरलीकी तान॥
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader