गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
'किस बला का जोश जानां तेरे दीवाने में है / कांतिमोहन 'सोज़'
6 bytes added
,
19:52, 6 अक्टूबर 2015
<poem>
'''अकबर इलाहाबादी ने लिखा है'''
'''किस बला का जोश जानां तेरे दीवाने में है ।
'''
'''
कल ज़मानत पर छुटा था आज फिर थाने में है ।'''
उन्हीं की तर्ज़ पर --
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,345
edits