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खुद के खिलाफ होना / राग तेलंग

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<poem>चांद पर उतरे थे दो आदमी
एवरेस्ट पर पहले चढ़े दो आदमी

मगर जमीन पर
आदमी आदमी से कह रहा है-
मैं तुम्हें देखना नहीं चाहता

आदमी आदमी को नहीं देखेगा तो
परेशान हो जाएगा

हो सकता है फिर वह
आदमी होना ही भूल जाए

वो देखो !
अपनी दुनिया में एक अकेला
बैठा हुआ आदमी
जाने कब से
बड़बड़ा रहा है ।
</poem>
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