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.फ़िल्म ’जय भवानी’ का यह गीत आपके पास शमा से कोई कह दे कि तेरे रहते-रहते अँधेरा हो रहाकि तुम हो वहाँ तो कृपया जोड़ दें या कविता कोश टीम मिलने को भेजें।यहाँ पतंगा रो रहाkavitakosh@gmailसितारो उनसे कहना नज़ारों उनसे कहना सज़ा हो रहीकि तुम हो वहाँ तो मिलने को यहाँ शमा रो रहीसितारो उनसे कहना ...मु :तड़पता प्यार कि हो दीदार मगर दीवार हमें रोकेशमा ऐसे जले जैसे पतंगे से (जुदा हो के)दुहाई देते-देते जुदाई सहते-सहते अन्धेरा हो रहाकि तुम हो वहाँ...com
बँधी ज़ंजीर मगर बेपीर तेरी तस्वीर नहीं जातीसितम की बात सहें हम घात मिलन की रात (19नहीं आती) फ़िल्म 'जय भवानी'कि आहें भरते-भरते तड़प के मरते-मरते अँधेरा हो रहाकि तुम हो वहाँ...
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