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05:36, 25 अक्टूबर 2016
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स्वर्ग मेरे स्कूल के रास्ते जैसा कि एक कवि कहता है कि मातृभाषा में आता थाही लिखी जा सकती है कविताऊँची दीवारों, अमरूद तो मातृभाषा को याद रखने के पेड़ों, मेंहदी लिए लिखी जानी चाहिए कविताऔर इसलिए भी कि यह समझ धुन्धली न होकि पिता पहला तानाशाह होते हैंऔर जैसा कि मैं कह गया हूं मांएं पहला कम्युनिस्टपड़ोसियों ने फासिस्ट न होने की झाड़ियों के पीछेगारण्टी कभी नहीं दी
अन्दर दाखिल होते ही ऋषि-मुनियों इलाहाबाद से दिल्ली केसफ़र के शुरू मेंघुमावदार अक्षरों वाले नेम-प्लेट दिखतेएक आदमी ने सीट को एक्सचेंज करने का प्रस्ताव रखादेवता कारों से निकलतेफिर उसने कहा कि और क्या एक्सचेंज किया जा सकता हैदेवियोंमैंने कहा कि मैं किसी को अपना कोहराम नहीं देने वालाजाते-परियों का मेला लगता एक क्लब मेंजाते वह कह गया कि झूठ पर फ़िल्म बनाने के बहुत पैसे मिलते हैंदुर्गा देवी की विशाल मूर्ति मैंने ग़ायब होने के सामने अप्सराएँ नाचतींपहले कहाकि जो संरक्षण संविधान में कवि को मिलना चाहिए था वह गाय को मिल गयापान खाते हुए वह हँस पड़ा और उसका सारा थूक मेरे मुँह पर पड़ गया
पिता के साथ एक बार कुछ देवताओं को बहुत क़रीब से देखाजो बहुत वृद्ध हो गए थे और भ्रमरगीत सार पढ़कर एक दूसरे को सुनातेहँसते और पूर्ण सन्तुष्ट दिखतेवे बहुत सारे न्याय-युद्धों में विजयी रहे थेकविताएँ लिखनी चाहिए ताकि कवि नैतिक अल्पसंख्यक न रह जाएँ
मरे हुए बच्चों कविताएँ लिखी जानी चाहिए ताकि मुक्केबाज़ के तौर पर मुहम्मद अली की याद रहेऔर देश के तौर पर वियतनाम कीऔर बसने के लिए फिलिस्तीन से बेहतर कोई देश न लगेऔर वेमुला होना सबसे ज्यादा मनुष्य होना लगे कविताएँ लिखनी चाहिए क्योंकि ऋतुओं और बहनों के बगल से गुज़रने को चुटकी बजाकर खड़ा कर देने वालेएक देवता का चेहरा याद है मुझेकविताएँ ही रजिस्टर करती हैं और पत्तों और आदमी के गिरने कोवे बंगाली थेउनकी सिगरेट कभी नहीं बुझती थीकविताएँ लिखी जानी चाहिए क्योंकि कवि ही करते हैं वापस पुरस्कारऔर उन्हें ही आती है अख़लाक पर कविताएँ लिखते हुए रो पड़ने की अप्रतिम कला
अब यही कविता अँग्रेज़ी में पढ़िए
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