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जबेॅ तोंयएक सिलसिला छेकै-बांस आरो ऊपर होय जैभोॅशब्दोॅ के ;तबेॅ तोरा देखाय पड़थौंएक लम्बा,हमरोॅ बौनापननै खतम कि हम्में कŸोॅ छोटोॅ होय वाला बहसोॅ केगेलोॅ छियै तोरा सेंजे -कि हम्में आँख उठाय केॅ भीतोरा देखेॅ नै जानौं कहिया सें चली रहलोॅ पारौंहमरा अचरज होय छै !लेकिन खत्म नै हम्मीं तोरा बनैलिहौंआरो हम्मी अŸोॅ छोटोॅ केनां होय छै।गेलियैई खाई,ऐ हमरोॅ आपनोॅई दूरी,बाढ़ सें उबडूबजेकरा हम्में सभ्भैं मिली केॅपानी में सड़ी रहलोॅ फसल रोॅबनैनें छियै ;नमस्कार स्वीकारोॅके एकरा भरतै बाढ़ोॅ में भांसी रहलोॅ लोगेंतोरा बोलाय छौंनांगटोॅ सड़क पर खाड़ोॅआपनोॅ कानतें-बिलखतें बुतरू साथेंपानी, कादोॅ, कीचड़ में सनलोॅ हाथेंतोरा खोजै छौं ?यहाँ तेॅउपरोॅ सें नीचेंइन्कलाब जमीनोॅ पर आपनोॅ गोड़कहिया धरभेॅ तोंय ?यहू हालतोॅ में उठै वाला गर्दन केॅजबेॅ किबर्बरीक बनाय देलोॅ जाय छै !हम्में जानै छियै, तोंय नै एैभेॅहमरोॅ नमस्कार स्वीकारोॅ।
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