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105113जे बुतरू एक्को दफाबच्चा, पकड़ी लै छै स्लेटबूढ़ा, नवयुवक, आ नारी स्मार्टअतना इलम पाबै खूब निभाबै छैसभे, ताकी पालै पेटअपनों अपनों पार्ट
106114कोय गुदानै छै कहाँएक गुना बिल्डिंग बढ़ै, जब स्वारथ टकरायचारगुना इंसानबिन पैसा लागै जनामहानगर विस्तार में, हाथ हिया हेरायदोनो एक समान
107115अनुशासित छै लोग गुदानै छै तभीसब, जब देखै छै मालनैं कचकच नैं मारदुनियाँ में ‘बाबा’ सभेरिक्शा लेली भी यहाँ, खाँटी छिकै दलालअक्सर लगै कतार
108116हारी केॅ भी जीततैकहीं खड़ा तों होय जा, जौनें करै प्रयत्नक्यू के लगै कतारजें गोंता नैं मारतैजहाँ समय के माँग छै, वें की पैतै रत्नजिनगी में रफतार
109117धन-दौलत लेली करोजनसंख्या देखो यहाँ, कत्तो मंतर जापभेलै जना पहाड़हुवै परापत जब कटैरुकतै आबे कहाँ पर, तकदीरो इंसानो के शापबाढ़
110118तृष्ना के मिटलो बिनाजनसंख्या विस्फोट में, मिटै न धन के चाहबढ़लो गेलै भीड़इच्छाघोॅर बढ़ै रोजे मतर, धन, संताप कहाँ पुरै छै, चलो सत्य के राहनीड़
111119न्याय मिलै महानगर में देर भीघोॅर नैं, सच में मिलथौं केवल फ्लैटबोली छै अन्यायसंविधान के झोल हयखिचड़ी यहाँ, साफे-साफ लखायबेसी दिस या दैट
112120महानगर के कामिनीपानी जुगना धन बहै, कातिल रखै निगाहजिनगी छै उन्मुक्तरूप सुन्दरी सब लगैयहाँ तेॅ स्वेच्छाचारिता, घूमै बेपरवाहही लागै उपयुक्त
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