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{{KKRachna
|रचनाकार=एरिक ब्लोमबेरी
|संग्रह=
}}
<Poem>
धरती, माँ,
अंधकारमय और अचल,
फैलाओ अपनी बाहें
उनके लिए जो हैं निराश.
छुपा लो मेरे हृदय को,
छुपा लो मेरी आखें
सूर्य के झूठ से.
वह नीला अंतरिक्ष
करता है हमारे भाग्य का उपहास.
तुम हो लेकिन सत्य
जिसके स्वामित्व में होंगे हम सब.
'''(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)'''
</poem>
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|रचनाकार=एरिक ब्लोमबेरी
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}}
<Poem>
धरती, माँ,
अंधकारमय और अचल,
फैलाओ अपनी बाहें
उनके लिए जो हैं निराश.
छुपा लो मेरे हृदय को,
छुपा लो मेरी आखें
सूर्य के झूठ से.
वह नीला अंतरिक्ष
करता है हमारे भाग्य का उपहास.
तुम हो लेकिन सत्य
जिसके स्वामित्व में होंगे हम सब.
'''(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)'''
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