भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुरेश चंद्रा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुरेश चंद्रा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
तुम्हारी आँखों की लिखावट
तुम्हारी आवाज़ का सौंधापन

इनमे लिपटा

तन्हाई के ताखे से, चुपचाप उतरता हूँ

मैं तुम्हारा छुआ ख़त हो जाता हूँ
सिहरता हूँ

बारहा खुद की सिसकियाँ पढ़ता हूँ
देर तलक़ फिर-फिर तुम सा महकता हूँ

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,957
edits