भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

संक्रमण / रामनरेश पाठक

1,095 bytes added, 10:34, 21 अक्टूबर 2017
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामनरेश पाठक |अनुवादक= |संग्रह=मै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामनरेश पाठक
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं अथर्व हूँ / रामनरेश पाठक
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
स्वर एकांत से खेलते हैं
शब्दों का संगीत
अंतरिक्ष बनता है

मुख अतलांत से फूटते हैं
रेखाओं का नृत्य
परिवेश हो जाता है

धूलि वनांत से उठती है
हवा का वाद्य
ऋतु बनता है

श्री कल्पांत से उमड़ती है
निर्झर का चित्र
मन होता जाता है

सधि वाचांत से कढती है
लहरों का स्थापत्य या काव्य
अस्तित्व बन जाता है
देश स्थापत्य है
वास्तु है
मूर्ति है
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits