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तुम आये तो आया मुझे याद गली में आज चाँद निकला
जाने कितने दिनों के बाद , गली में आज चाँद निकला
ये नैना बिन काजल तरसे बरह , बारह महीने बादल बरसेसुनी रब ने मेरी फ़रियाद , गली में आज चाँद निकला ...
आज की रात जो मैं सो जती जाती, खुलती आँख सुबह हो जातीमैं तो हो जाती बस बर्बाद बरबाद, गली में आज चाँद निकला ...
मैं ने तुमको आते देखा अपनी जान को जाते देखा
जाने फिर क्या हुआ , नहीं याद , गली में आज चाँद निकला ...
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