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सुरतिया सबके अइसन लाश त ना रहे / कुमार मुकुल
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08:54, 20 जनवरी 2018
सुरतिया सबके अइसन लाश त ना रहे।
कबहूं कबहूं चढत रहे थोड़न के सर प
भुलाइल सभ के
होश
होशो
-हवाश त ना रहे।
फैज के लिए </poem>
Kumar mukul
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