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<poem>कमलक फूल सन हमर धीया छथियौ बच्चा के बाबूजोहि लेला लेली धीया के खबासयोचलहु के बेर अहाँ घर के नहि देखलौंधीया आगू दीया केर नहि काजयौ बच्चा के बाबूयोआनि दीअ जहर माहुर खाय मरब हममरबई हति लेब अपन प्राण यौ बच्चा के बाबू
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