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हिणै कै घर सुथरी बहूँ, कोए खोटी धरले नीत बीना,
आग-पाणी का ना मेल बताया, तूं कितै ल्याई या रीत बीना,
गाम बुवाणी चली जाईये (चाली आई), करकै गुर्जर तै प्रीत बीना,कहरया तनै ललित बीना, मत लावै (लुवावै) चाँद कै स्याही ||
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