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ख़िरद को ख़्वाब दिखाओ के कायनात चले / रवि सिन्हा
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09:39, 7 मार्च 2019
तु रौशनी का गुहर<ref>रत्न (Gem)</ref> है सदफ़<ref>सीपी (Seashell)</ref>-नशीं क्यूँ है
चलो निकल के जहाँ तक
अँधेरी
अन्धेरी
रात चले
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<ref></ref>
अनिल जनविजय
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