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{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना वर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=शाम सुहानी / रंजना वर्मा
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
श्री कृष्ण पास आ गये
आकार में समा गये
आधारहीन लोग जो
हैं राह वह दिखा गये
हैं मुश्किलें कहाँ नहीं
वो हैं हमें बता गये
हैं स्वप्न मिले नैन को
उम्मीद-सी जगा गये
आभार प्रेम-पंथ का
हैं श्याम रास आ गये
</poem>
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|रचनाकार=रंजना वर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=शाम सुहानी / रंजना वर्मा
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श्री कृष्ण पास आ गये
आकार में समा गये
आधारहीन लोग जो
हैं राह वह दिखा गये
हैं मुश्किलें कहाँ नहीं
वो हैं हमें बता गये
हैं स्वप्न मिले नैन को
उम्मीद-सी जगा गये
आभार प्रेम-पंथ का
हैं श्याम रास आ गये
</poem>