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06:11, 7 मई 2019 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार= कुमार मुकुल
|संग्रह=
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<poem>
उ प्रकृति तत्व के
के जानेला
के ओकर बर्नन करी
कि आख्रिर
कवना कारण से
इ सृष्टि
कइसे आकार लेलक
देवतो लोग
इ सृष्टि के बादे
आकार लेले बाड़न
ए से
के बता सकेला
कि इ सृष्टि कैइसे भइल ॥6॥
को आद्धा वेद क इह प्र वोचत्कुत आजाता कुत इयं विसृष्टिः।
अर्वाग्देवा अस्य विसर्जनेनाथा को वेद यत आबभूव ॥6॥
</poem>