तब आपको यह एहसास होता है
कि अभी तक आपने रचा है बहुत कम ।
बारिश, धूप, यातायात, सालों गुज़ारे रात और दिन
और चेहरे सब धुन्धले दिखाई देते हैं। उन्हें जीने से के मुक़ाबले उन्हें छोड़ना कहीं आसान लगता है,
सिर्फ़ एक लाइन लिखने का मन होता है
कि एक आदमी रेडियो पर पियानो बजाता है।
अच्छे कवियों के पास
कहने को बहुत कम होता है