गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
गोडसे जी / कुमार मुकुल
2 bytes added
,
07:31, 4 अक्टूबर 2019
<poem>
काम हैं गब्बर से
और सूरत है
भोलीगोडसे
भोली
गोडसे
जी आप खूब
करते हो ठिठोली
पहले छूते हो पांव
फिर मारते हो
गोलीअदा
गोली
अदा
है खूब लो यह
अक्षत,चंदन, रोली।
</poem>
Kumar mukul
765
edits