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गोडसे जी / कुमार मुकुल
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07:31, 4 अक्टूबर 2019
<poem>
काम हैं गब्बर से
और सूरत है
भोलीगोडसे
भोली
गोडसे
जी आप खूब
करते हो ठिठोली
पहले छूते हो पांव
फिर मारते हो
गोलीअदा
गोली
अदा
है खूब लो यह
अक्षत,चंदन, रोली।
</poem>
Kumar mukul
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