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09:24, 26 अक्टूबर 2019 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=शमशेर बहादुर सिंह
|अनुवादक=
|संग्रह=
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<poem>
निंदिया सतावे मोहे सँझही से सजनी।
सँझही से सजनी ॥1॥
:प्रेम-बतकही
::तनक हू न भावे
::सँझही से सजनी ॥2॥
निंदिया सतावे मोहे...।
:छलिया रैन
::कजर ढरकावे
:::सँझही से सजनी ॥3॥
निंदिया सतावे मोहें...।
:दुअि नैना मोहे
::झुलना झुलावें
:::सँझही से सजनी ॥4॥
निंदिया सतावे मोहें...।
</poem>