Changes

ए मेरे पापा / एस. मनोज

1,200 bytes added, 06:39, 9 दिसम्बर 2019
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एस. मनोज |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <p...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=एस. मनोज
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
ए मेरे पापा इतना करें करम
आने दें इस धरा पे, न जीवन करें खत्म
ए मेरे पापा ...

हसरत है ये दिल में देखूं धरा गगन
झूमू वन में ऐसी अल्हड़ बने पवन
छू ले नभ को बेटी ऐसा करें जतन
ए मेरे पापा ...

संतति हैं बराबर इसका तो भान हो
करती हैं जग को रौशन इतना भी ज्ञान हो
कुम्हलाएं अब ना बेटी ऐसा करें धरम
ए मेरे पापा....

बेटी के ही दम पर सृष्टि है चल रही
बेटी में ही कल की ख्वाहिश है पल रही
ख्वाबें बने हकीकत ले लें यही कसम है
ए मेरे पापा...
</poem>
Mover, Protect, Reupload, Uploader
6,612
edits