भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
इस देश की समस्या कि भित्तियाँ गिराओ।
वरदान दो कि इसका यश दिगदिगंत गाये।
अब शीघ्र ही मिटा सब, अज्ञान देवता दे।