Changes

आंगणो / इरशाद अज़ीज़

556 bytes added, 11:07, 15 जून 2020
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= इरशाद अज़ीज़ |अनुवादक= |संग्रह= मन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= इरशाद अज़ीज़
|अनुवादक=
|संग्रह= मन रो सरणाटो / इरशाद अज़ीज़
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
मांड कदैई तो
म्हारै अठै ई
थारा कूं कूं पगल्या
जोवूं थारी बाट
आव, अेकर तो आव!

सूना पड़यो है
म्हारै हिवड़ै रो आंगणो।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits