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वो भी चुपचाप है इस बार, ये किस्सा क़िस्सा क्या है तुम भी ख़ामोश हो सरकार, ये किस्सा क़िस्सा क्या है
स़िर्फ ऩफरत सिर्फ़ नफ़रत ही थी मेरे लिए जिनके दिल में हो गए वे भी तऱफदारतरफ़दार, ये किस्सा क़िस्सा क्या है
सामने कोई भँवर है न तलातुम फिर भी
छूटती जाए है पतवार, ये किस्सा क़िस्सा क्या है
बैठते जब हैं खिलौने वे बनाने के लिए
उनसे बन जाते हैं हथियार, ये किस्साक्या क़िस्सा क्या है
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