Changes

}}
{{KKCatGhazal}}
{{KKCatBhojpuriRachna}}
<poem>
बात खुल के कहीं, भइल बा का ? प्यार के रंग चढ़ गइल बा का ?
रंग चेहरा के बा उड़ल काहें ?
चोर मन के धरा गइल बा का ?
"हम त हर घात के भुला गइलीं
आईं अबहूँ रहे के मिल-जुल के
जिन्दगी में अउर धइल बा का ? </poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,147
edits