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कमीज उनकी है लेकिन बदन हमारा है / जहीर कुरैशी
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18:22, 19 सितम्बर 2008
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|रचनाकार=जहीर कुरैशी
|संग्रह=भीड़ में सबसे अलग / जहीर कुरैशी
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[[Category:ग़ज़ल]]
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कमीज उनकी है लेकिन बदन हमारा है,
ये रूप रंग ये यौवन का धन हमारा है
Pratishtha
KKSahayogi,
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