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इस सुकूते फ़िज़ा -फ़िज़ा<ref>मौसम का मौन</ref> में खो जाएंआसमानों के राज राज़ हो जाएं
हाल सबका जुदा-जुदा ही सही
किस पॅ पे हँस जाएं किस पॅ पे रो जाएं
राह में आने वाली नस्लों के
सोच लें और उदास हो जाएं
रात आयी फ़िराक दोस्तो 'फ़िराक़' दोस्त नहीं
किससे कहिए कि आओ सो जाएं
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