558 bytes added,
05:24, 7 सितम्बर 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश तन्हा
|अनुवादक=
|संग्रह=तीसरा दरिया / रमेश तन्हा
}}
{{KKCatRubaayi}}
<poem>
तौफ़ीक़ दे मुझको कि मैं नाकाम न हूँ
बे-नाम न हूँ मैं कभी बदनाम न हूँ
या रब! वो अता मुझे वदीअत कर दे
कुछ बद न करूँ मूरिदे-इल्ज़ाम न हूँ।
</poem>