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05:58, 7 सितम्बर 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रमेश तन्हा
|अनुवादक=
|संग्रह=तीसरा दरिया / रमेश तन्हा
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<poem>
इक झोंका हवा का हूँ मैं, तूफां तो नहीं
इंसां ही तो आखिर हूँ, यज़दां तो नहीं
गो अर्ज़-ओ-समा को नाप सकता हूँ, मुझे
अगले किसी लम्हे का भी इरफां तो नहीं।
</poem>