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मैं काश ! अगर तितली होती / शार्दुला नोगजा
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09:04, 7 सितम्बर 2020
|रचनाकार=शार्दुला नोगजा
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मैं काश ! अगर तितली होती
नभ में उड़ती, गुल पे सोती ।
मैं काश ! अगर तितली होती !
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