759 bytes added,
12:58, 8 जनवरी 2021 1
तुम छाया हो
जीवन की धूप में
मन, काया हो।
2
शीत भीषण
काँप जब वजूद,
तुम हो धूप।
3
मिटता वैभव
जर्जर होती काया
प्यार न मिटे।
4
एक छुअन
हौले लिया चुम्बन
प्राण जगाए।
5
कितना दिया !
पिलाया मधुरस!
जाने ये हिया।
6
देती है ऊर्जा
तेरी वे प्रार्थनाएँ
गले लगाएँ।
7
शब्दों में रस
दृष्टि में मधु स्पर्श
तुझसे पाया।
-0-