भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=[[चंद्रप्रकाश देवल]] |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=[[चंद्रप्रकाश देवल]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उडीक पुरांण / चंद्रप्रकाश देवल
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
इळकंप मापण वाळी
म्हारी आतमा
धूजै है बिरौबर
उडीक नीं रही
तौ झाळमुखी डूंगर फूटैला
फटौफट-फटौफट रौ।
इण जमीं नै फूठरी राखण नै
दुनिया नै हरीभरी राखण नै
प्रीत री उमर बधती राखण नै
पीढ़ियां री कड़ी सधती राखण नै
चाहीजै उडीक
इणनै रैवण दो
इणनै राखौ
ढाबौ आपरै अंतस
धीजा सूं
उडीक अेक अदीठ नेहचा रौ दूजौ नांव है।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=[[चंद्रप्रकाश देवल]]
|अनुवादक=
|संग्रह=उडीक पुरांण / चंद्रप्रकाश देवल
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
इळकंप मापण वाळी
म्हारी आतमा
धूजै है बिरौबर
उडीक नीं रही
तौ झाळमुखी डूंगर फूटैला
फटौफट-फटौफट रौ।
इण जमीं नै फूठरी राखण नै
दुनिया नै हरीभरी राखण नै
प्रीत री उमर बधती राखण नै
पीढ़ियां री कड़ी सधती राखण नै
चाहीजै उडीक
इणनै रैवण दो
इणनै राखौ
ढाबौ आपरै अंतस
धीजा सूं
उडीक अेक अदीठ नेहचा रौ दूजौ नांव है।
</poem>