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काम री चीज / चंद्रप्रकाश देवल
Kavita Kosh से
इळकंप मापण वाळी
म्हारी आतमा
धूजै है बिरौबर
उडीक नीं रही
तौ झाळमुखी डूंगर फूटैला
फटौफट-फटौफट रौ।
इण जमीं नै फूठरी राखण नै
दुनिया नै हरीभरी राखण नै
प्रीत री उमर बधती राखण नै
पीढ़ियां री कड़ी सधती राखण नै
चाहीजै उडीक
इणनै रैवण दो
इणनै राखौ
ढाबौ आपरै अंतस
धीजा सूं
उडीक अेक अदीठ नेहचा रौ दूजौ नांव है।