भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्णकुमार ‘आशु’ |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कृष्णकुमार ‘आशु’
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-5 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
मा काढती
पैली रोटी
गा री पांती
मा रै जावण पछै
कई बार
घर आळी भूल जावै
गा री पांती री
रोटी काढणी।
बीं दिन
म्हनै लागै कै
आज फेर भूखी रै'गी मा।
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=कृष्णकुमार ‘आशु’
|अनुवादक=
|संग्रह=थार-सप्तक-5 / ओम पुरोहित ‘कागद’
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
मा काढती
पैली रोटी
गा री पांती
मा रै जावण पछै
कई बार
घर आळी भूल जावै
गा री पांती री
रोटी काढणी।
बीं दिन
म्हनै लागै कै
आज फेर भूखी रै'गी मा।
</poem>