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मिलें जितने जन्म
साथ रहना सदा।
60किसने भेजीसुगन्ध पिरोकरभाव- वल्लरीपास आकर छुआवो तुम थी प्राणवायु!! 61झरती बूँदेंहिमनद उर से सिंचित प्राणकोई न होगा वहकेवल तुम्हीं तो हो।
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