भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मनमाने के व्यवहार से
अगले ही पल
यह अतीत बन जाएगाजाता है
फिर घूरता ही रहेगा
बटेर-सी आँखों से