गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हमने गर आसमाँ उठाया है / डी. एम. मिश्र
3 bytes added
,
14:03, 12 सितम्बर 2023
जगहें सबके लिए बनाया है।
सूर्इ
सूई
ने कब कहाँ सिलाई की
धागे को रास्ता दिखाया है।
कोई तालाब बन गया
होगा
होगासूई
कोठी ऊँची अगर उठाया है।
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits