{{KKCatKavita}}
<poem>
आकाश भयानक गुस्से में हैकाले बादलों का जमघट लगा है। गड़गड़ा रही है सौदामनी बिजुरी।
वृक्ष प्रसन्न हैं कि उन्हें
हल्ला-गुल्ला करने का मौक़ा मिला है ।! रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय लीजिए, अब इसी कविता का रूसी भाषा में अनुवाद पढ़िए Мария Павликовская-Ясножевская Ураган Небо в черном гневе.Толпы туч. Рокот. Счастливы деревья!Вышуметься могут! Перевод с польского
</poem>