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Kavita Kosh से
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बिन तुम्हारे होश में रहना सज़ा है।
रब से पहले नाम तेरा -ए-जानाँ ले रहा हूँ,है, ख़ुदा से आज भी मेरी नज़ा है।
आ रहा हूँ अब तुम्हारे साथ जीने,
माँगता मैं ताउमर तुझको उम्र भर तुमको रहूँगा,
दे, न दे, मुझको ख़ुदा उसकी रज़ा है।
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