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हर दिन रूठा यार मनाना सबके बस की बात नहीं।
जादू है उसकी उन की बातों में वरना ख़ुदा कसम मुझसे, अपनी बातें यूँ मनवाना सबके बस की बात नहीं।
कुछ बातें, कुछ यादें, कुछ पागल लम्हे ही हैं वरना,
जीवन भर मुझको तड़पाना सबके बस की बात नहीं।
आशिक आशिक़ ताक रहे दिल थामे लेकिन जरा सलीके ज़रा सलीक़े से,हाल-ए-दिल उससे उन से कह पाना सब के बस की बात नहीं।
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