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Kavita Kosh से
बादलों का बचाव देखा कर।
अपनी किस्मत क़िस्मत पे गर्व कर लेकिन,
दूसरों का अभाव देखा कर।
और धधके अलाव देखा कर।
डोर, मजबूत मज़बूत जो लगे तुझको,
कभी उसका तनाव देखा कर।