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|रचनाकार=अल्बेयर कमू
|अनुवादक=मोहन वर्मा
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<poem>
घृणा के बीच घिरे हुए मैंने पाया
मेरे अन्दर कितना अदम्य प्रेम भरा था

अश्रुओं के बीच मैंने पाया
मेरे अन्दर कितनी अदम्य मुस्कराहट छिपी थी

विशृंखलता के बीच मैंने पाया
मेरे अन्दर कितनी अदम्य शान्ति विराजती थी

इस सब के द्वारा मैंने जाना कि ....
शीत ऋतु में घिरे होने पर
मेरे अन्दर एक अदम्य ग्रीष्म ऋतु जीती थी

और यह मेरे लिए हर्ष का स्रोत है
क्योंकि यह बताता है कि
चाहे यह विश्व मुझ पर कितना ही प्रबल प्रहार करे
मेरे भीतर कुछ है जो उससे अधिक सशक्त है, उससे बेहतर है

और जो सीधे उसे धक्का देने में समर्थ है।

'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : मोहन वर्मा'''

'''लीजिए, अब यही कविता अँग्रेज़ी अनुवाद में पढ़िए'''
Albert Camus
In the midst of hate

In the midst of hate,
I found there was, within me, an invincible love.

In the midst of tears,
I found there was, within me, an invincible smile.

In the midst of chaos,
I found there was, within me, an invincible calm.

I realized, through it all, that...
In the midst of winter,
I found there was, within me, an invincible summer.

And that makes me happy.
For it says that no matter
how hard the world pushes against me,
within me, there's something stronger - something better,

pushing right back
</poem>
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